Uttarakhand news: चमोली हादसे में 170 लोग लापता, कई शव मिले, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान
Uttarakhand news: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले (Chamoli district) में जोशीमठ (Joshimath) में ग्लेशियर फटने से चारों ओर तबाही का मंजर है.170 अधिक लोगों के लापता होने की खबर है. इस हादसे में जिन लोगों की मौके हुई है सरकार उन्हें 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देगी.
चमोली हादसे में अब तक 170 लोगों के लापता होने की आशंका, कई शव मिले (फोटो - ANI)
चमोली हादसे में अब तक 170 लोगों के लापता होने की आशंका, कई शव मिले (फोटो - ANI)
Uttarakhand news: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले (Chamoli district) में जोशीमठ (Joshimath) में ग्लेशियर फटने से चारों ओर तबाही का मंजर है. चमोली जिले में ऋषिगंगा आपदा में 170 अधिक लोगों के लापता होने की खबर है. दो हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट और कई पुलों पूरी तरह से टूट चुके हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ऋषिगंगा के पांच किमी नीचे तपोवन क्षेत्र में निर्माणाधीन एनटीपीसी परियोजना में मलबे से बंद हो गई एक सुरंग में 35 से अधिक लोग फंसे हुए थे. आईटीबीपी और सेना की एक संयुक्त टीम सुरंग के बचाव में लगी हुई थी. इससे पहले ITBP कर्मियों ने तपोवन के पास एक और सुरंग से 12 मजदूरों को बचाया. इस हादसे में जिन लोगों की मौके हुई है सरकार उन्हें 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देगी.
बचाव के काम को तेज किया गया Rescue work expedited
ITBP के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे (ITBP spokesman Vivek Kumar Pandey) के मुताबिक दूसरी टनल के लिए सर्च ऑपरेशन (search operationb) तेज़ कर दिया है, वहां क़रीब 30 लोगों के फंसे होने की सूचना है. आईटीबीपी के 300 जवान (ITBP personnel) टनल को क्लियर करने में लगे हैं जिससे लोगों को निकाला जा सके. जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है. खबरों के मुताबिक अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है और अलग-अलग स्थानों से 14 शव बरामद किए गए हैं.''
Uttarakhand: Rescue operation continues on the second day at Joshimath in Chamoli where a flash flood, triggered due to glacier burst, occurred y'day.
— ANI (@ANI) February 8, 2021
12 people were rescued from one tunnel y'day. The second tunnel is being cleared with the help of JCB machines to rescue people pic.twitter.com/WEe0qA6rXi
TRENDING NOW
कई सालों से मिल रहे हैं हादसों के संकेत signs of accidents from many yearsऋषिगंगा नदी में जल प्रलय आपको भले ही एक हादसा लगे लेकिन इसके संकेत कई सालों से मिल रहे थे. भूविज्ञानी (वर्तमान में यूसैक निदेशक) डॉ. एमपीएस बिष्ट और वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (Institute of Himalayan Geology) ने अपने एक शोध में साफ कर दिया था कि ऋषिगंगा कैचमेंट क्षेत्र (Rishiganga catchment area) के आठ से अधिक ग्लेशियर सामान्य से ज्यादा रफ्तार से पिघल रहे हैं. जाहिर है इनसे पानी तेजी से नीचे आएगा और एवलॉन्च (Avalonch) की घटनाएं भी अधिक होंगी. इतना ही नहीं, इन ग्लेशियरों के पानी का दबाव भी अकेले ऋषिगंगा पर पड़ता है, जो आगे जाकर धौलीगंगा (Dhauliganga), विष्णुगंगा (Vishnunganga), अलकनंदा (Alaknanda), भागीरथी ( Bhagirathi) (Ganga) के पानी को प्रभावित करता है.
Uttarakhand: Team of SDRF-Uttarakhand Police carries out search operation around Srinagar Dam. pic.twitter.com/OrGbcjk0LW
— ANI (@ANI) February 8, 2021
उत्तराखंड में बन रहे हैं कई और पावर प्रोजेक्ट power projects in Uttarakhand
उत्तराखंड की नदियों पर जल विद्युत परियोजनाओं (hydropower projects) का जाल फैला हुआ है. टिहरी सहित 39 परियोजनाओं के साथ ही यूजेवीएनएल (UJVNL) की 32 छोटी-बड़ी परियोजनाएं और कई कंपनियों की परियोजनाएं भी इसमें शामिल हैं. उत्तराखंड सरकार (government of Uttarakhand) ने वर्ष 2005 से 2010 के बीच लगभग दो दर्जन से अधिक जलविद्युत परियोजनाओं (hydroelectric projects) की मंजूरी दी. तीस हजार करोड़ से अधिक की इन परियोजनाओं से 2944.80 मेगावॉट बिजली का पैदा होने की संभावना है. सरकारी संगठनों की ओर से एक-एक कर 24 छोटी-बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जा चुका है. एनजीटी (NGT) भी इस पर सुनवाई कर रही है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
Zee Business App: पाएं बिजनेस, शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूज, देश-दुनिया की खबरें, देखें लाइव न्यूज़. अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.
10:34 AM IST